आज हम गंभीर होकर हवा, पानी, जमीन जैसी जीवन की बुनियादी जरूरतों की रक्षा के लिए अपने योगदान पर विचार कर सकते हैं।
पानी - यह बहुत कीमती है, घर में रोजमर्रा की हर गतिविधि में पानी की बचत करें। नहाने के लिए शावर की जगह बाल्टी का इस्तेमाल करें। घर में इस्तेमाल पानी को नाली में बर्बाद न करें। उसका प्रयोग गमलों में या आंगन में पेड़-पौधों को सींचने के लिए करें।
पेड़ - कागज पेड़ से बनता है। कागज बचाएं, पेड़ बचाएं। पेड़ जीवनरक्षक हैं, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। जागरूक नागरिक बनें। आसपास पेड़ काटे जाने जैसी घटनाओं का विरोध करें।
कचरा - नियत स्थानों पर ही कचरा डालें। उसे इधर-उधर न फैलाएं। पॉलिथीन की जगह जूट या कागज के थैलों का इस्तेमाल करें।
पैकेज्ड फूड की जगह फ्रेश फूड खरीदें। समारोहों के लिए प्लास्टिक के ग्लास और प्लेटों का इस्तेमाल न करें।
वाहन - प्राइवेट वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें। डीजल ज्यादा प्रदूषण फैलाता है, इससे चलने वाले वाहनों का कम उपयोग करें। छोटी दूरियों के लिए हो सके तो पैदल जाएं या साइकल/रिक्शे का उपयोग करें। निजी वाहनों की सर्विसिंग, प्रदूषण जांच कराते रहें। रेड लाइट पर इंजन बंद कर दें। ऑफिस के लिए कार पूल करें।
बिजली - दिन में प्राकृतिक रोशनी से काम चलाएं। जरूरत न होने पर लाइट बंद कर दें। एसी/गीजर का सीमित उपयोग करें। ऊर्जा की कम खपत वाले उपकरणों का प्रयोग करें। पानी गर्म करने के लिए सोलर सिस्टम लगाएं। आस-पड़ोस में भी जागरूकता फैलाएं।
बुधवार, 10 फ़रवरी 2010
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